...........मेरा मन ...........
तेरी आँखों में आंसू , शायद मेरे होंगे ..
सोचता हैं मेरा मन , की आप भी कभी रोएँ होंगे ॥
की दिल को सब कुछ पराया पराया सा लगे ।
अपने भी जब हमसे कतराया करें ॥
की देंखे न वो हमें , आसान हैं ये मगर ।
देखते अनजान होकर , ख़ुद हम खुदाया लगे ॥
खिलौने हैं हम, खूब खेला करे आप हमसे,
पर टूटे जो हम अगर, दो बूंदे बेवफा हमसे ...
तेरी आँखों में आंसू , शायद मेरे होंगे ..
सोचता हैं मेरा मन , की आप भी कभी रोएँ होंगे ॥